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रक्षाबंधन पर निबंध: "रक्षाबंधन: भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व"

‘रक्षाबंधन’ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘रक्षा’ और ‘बंधन’।
 
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन का इतिहास भी उतना ही समृद्ध है जितना इसका वर्तमान




भारत पर्वों और परंपराओं का देश है, जहां हर त्योहार किसी न किसी सांस्कृतिक, सामाजिक या भावनात्मक मूल्यों से जुड़ा होता है। इन्हीं में से एक अत्यंत लोकप्रिय और भावनात्मक पर्व है रक्षाबंधन, जो भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। यह पर्व हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और पूरे देश में उत्साह, उल्लास और प्यार के साथ इसका स्वागत किया जाता है।

रक्षाबंधन का अर्थ और परंपरा

‘रक्षाबंधन’ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘रक्षा’ और ‘बंधन’। इसका अर्थ है – रक्षा का बंधन। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बाँधती हैं और उनकी लंबी उम्र, खुशहाली की कामना करती हैं। बदले में भाई उन्हें रक्षा का वचन देते हैं और उपहार स्वरूप प्यार और स्नेह भी प्रदान करते हैं।

राखी केवल एक धागा नहीं है, बल्कि वह प्यार, विश्वास और स्नेह का मजबूत प्रतीक है जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी पवित्र बनाता है।

इतिहास और पौराणिक कथाएँ

रक्षाबंधन का इतिहास भी उतना ही समृद्ध है जितना इसका वर्तमान। इस पर्व से जुड़ी कई पौराणिक और ऐतिहासिक कथाएँ हैं:

महाभारत में द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण की उँगली से बहते रक्त को रोकने के लिए अपनी साड़ी का टुकड़ा बाँधा था। इसके बदले में कृष्ण ने उसकी रक्षा का वचन दिया और चीरहरण के समय निभाया।


रानी कर्णावती ने मुग़ल सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर अपनी रक्षा की अपील की थी, जिसे हुमायूं ने निभाया।

ये कथाएँ इस पर्व के सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्वको दर्शाती हैं।

भाई-बहन का रिश्ता: प्यार, तकरार और अपनापन

भाई और बहन का रिश्ता बेहद खास होता है। इसमें कभी तकरार होती है तो कभी प्यार भरी नोकझोंक। लेकिन यह रिश्ता अहसासों, यादों और साथ का नाम है। रक्षाबंधन इस रिश्ते को और भी मजबूत करता है।

बहनें अपने भाइयों के लिए दुआ करती हैं, तो भाई अपने जीवन में उनकी इज्जत, सम्मान और सुरक्षा का वचन देते हैं। यह पर्व सिर्फ एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते की गहराई का आधुनिक समय में रक्षाबंधन

आज के बदलते समय में रक्षाबंधन का स्वरूप आधुनिक जरूर हुआ है, लेकिन भावनाएँ वैसी ही हैं। अब बहनें अपने भाइयों को डिजिटल राखी, ऑनलाइन गिफ्ट्स भी भेजती हैं। वहीं, कई स्थानों पर बहनें बहनों को, दोस्त अपने खास मित्रों को और सैनिकों को राखी भेजकर इस पर्व को और व्यापक बना रही हैं।

रक्षाबंधन अब केवल खून के रिश्ते तक सीमित नहीं रहा, बल्कि विश्वास और संबंधों की डोरबन गया है।

रक्षाबंधन के सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्य

रक्षाबंधन सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण पर्व है। यह आपसी प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के भाव को बल देता है। यह पर्व हमें सिखाता है कि समाज में सभी को एक-दूसरे की रक्षा और सम्मान करना चाहिए।

बेटियों, बहनों और महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान का संदेश भी यह पर्व देता है। इसलिए यह पर्व संस्कार और संवेदनशीलता का परिचायक बन गया है।

रक्षाबंधन पर निबंध लिखते समय हमें यह समझना चाहिए कि यह पर्व केवल राखी बाँधने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक, सांस्कृतिक और नैतिक जिम्मेदारी है। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते की गहराई, पवित्रता और समर्पण का प्रतीक है।

भले ही समय बदल गया हो, पर रक्षाबंधन का संदेश हमेशा एक जैसा रहेगा – प्यार, सुरक्षा और आपसी विश्वास।
इस रक्षाबंधन आइए हम भी अपने संबंधों को और मजबूत बनाएं और इस परंपरा को नई पीढ़ी तक गर्व के साथ पहुँचाएं।

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