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रूपावास गांव में बेटे की बीमारी से मौत, अंतिम संस्कार के बाद पिता ने भी गम में तोड़ा दम

ग्रामीणों के अनुसारसुरेश कुमार पिछले कई दिनों से बीमार चल रहा था।
 
रूपावास गांव में दोहरी मौत से पसरा मातम बेटे की बीमारी से मौत, अंतिम संस्कार के बाद पिता ने भी तोड़ा दम
एक ही दिन में पिता-पुत्र की मौत से गांव रूपावास स्तब्ध है।

रूपावास (सिरसा):हरियाणा के सिरसा  जिले के गांव रूपावास में एक दिन में बेटे ओर बाप की मौत परिवार के लिए दुखों का पहाड़ लेकर आया। गांव निवासी सुरेश कुमार (उम्र करीब 37  वर्ष) की बीमारी के चलते मौत हो गईऔर उसके कुछ घंटे बाद ही उसके पिता प्रभुदयाल (उम्र करीब 58 वर्ष) ने सदमे में दम तोड़ दिया। एक ही दिन में पिता-पुत्र की मौत की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई है।

 

ग्रामीणों के अनुसारसुरेश कुमार पिछले कई दिनों से बीमार चल रहा था। सुबह उसकी तबीयत बिगड़ गई ओर  मौत हो गई । सुरेश की मौत की खबर पूरे गांव में फैल गई और ग्रामीण शोक-संतप्त माहौल में उसके अंतिम संस्कार में शामिल हुए।  बेटे का अंतिम संस्कार करके जैसे ही परिवारजन व  ग्रामीण  घर लौटेकुछ ही देर बाद सुरेश के पिता प्रभुदयाल की भी तबीयत अचानक बिगड़ गई।

परिवारजन उन्हें लेकर अस्पताल ले जाने लगे  लेकिन तब तक उन्होंने भी दम तोड़ दिया। ग्रामीणों  ने बताया कि यह मौत संभवतः अत्यधिक मानसिक आघात और दिल का दौरा पड़ने से हुई। शाम को ग्रामीणों ने प्रभुदयाल का भी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। दो जनाजेदो अंतिम संस्कार और एक ही घर से उठती दो अर्थियों ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया।

बेटे की मौत का ग़म नहीं सह सके प्रभुदयाल

गांव के वरिष्ठ ग्रामीण निहाल सिंह कालवा ने बताया कि सुरेश कुमार पिछले कुछ समय से बीमार चल रहा था। परिवार ने उसकी काफी देखभाल की लेकिन वह नहीं बच पाया। उन्होंने बताया, “सुरेश के निधन के बाद उसके पिता की हालत भी खराब हो गई । लेकिन इतनी जल्दी उनका जाना किसी ने नहीं सोचा था।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

इस दुखद घटना से पूरा परिवार टूट चुका है। सुरेश कुमार के परिवार की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि सुरेश के पीछे उसकी पत्नीदो बेटे और दो बेटियाँ हैं। वहीं प्रभुदयाल के कुल पांच संतानें हैंजिनमें सुरेश सबसे बड़ा था।

 

गांव में शोक की लहरग्रामीणों ने जताया दुख

एक ही दिन में पिता-पुत्र की मौत से गांव रूपावास स्तब्ध है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी घटना उन्होंने पहले कभी नहीं देखी। गांव के मंदिर और चौपाल पर लोगों की भीड़ जुटी रही और हर किसी की आंखें नम थीं। ग्रामीणों ने प्रशासन से परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।

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