गोपालपुरी आश्रम रुपावास में उमड़ा आस्था का सैलाब
हरियाणा के सिरसा जिले के चोपटा खंड के गांव रुपावास व रायपुर स्थित सिद्ध बाबा गोपालपुरी सन्यास आश्रम मे मंगलवार को हवन यज्ञ, भजन कीर्तन व भंडारे का आयोजन किया गया । इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने गोपालपुरी की समाधि स्थल पर माथा टेका व मन्नते मांगी मंदिर प्रांगण में आयोजित मेले में श्रद्धालुओं ने जमकर खरीदारी की । यह जानकारी देते हुए पुजारी कृष्ण शर्मा, प्रधान बलबीर, वेद प्रकाश, संदीप जाखड़ ने बताया कि ब्रह्मलीन सिद्ध बाबा श्री श्री 1008 गोपालपुरी जी का गोपालपुरी सन्यास आश्रम रायपुर व रुपावास में हर वर्ष भजन कीर्तन व भंडारा आयोजित किया जाता है। इसी कड़ी में आश्रम में हवन यज्ञ, भजन कीर्तन व भंडारे का आयोजन किया गया । जिसमें श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।
सत्संग व भजन कीर्तन में गायकों द्वारा बाबा गोपाल पुरी की महिमा का गुणगान किया गया । समाधि स्थल पर रायपुर, रुपावास, जोड़कियां, बरासरी, कुम्हारिया के साथ साथ निकटवर्ती राजस्थान के रामगढ, नेठराना, खचवाना, भरवाना सहित कई गांवों से महिलाओं, पुरुषों व बच्चों ने धोक लगाई । आश्रम में श्रद्धालु सुबह से ही ऊंट गाड़ियां, ट्रैक्टरों, जीपों, कारों, मोटरसाइकिलों पर आने का सिलसिला शाम तक चला । इस दौरान भंडारा लगाकर प्रसाद वितरित किया गया । समाधी स्थल के साथ माता शेरांवाली मंदिर, हनुमानजी मंदिर में भी पूजा अर्चना करते हैं. मेले में श्रद्धालुओं ने बच्चों के लिए खिलौनें व अन्य सामान खरीदा ।
डेरा प्रमुख मंहत कमला पूरी महाराज ने बताया कि मान्यता है कि यहां पर धोक लगाने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं ।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बाबा गोपालपुरी का आश्रम व मन्दिर बना हुआ है, जिसके प्रति लोगों की अटूट आस्था है। सिद्ध बाबा गोपालपुरी सन् 1986 में 12 वर्ष की तपस्या करके लौटे व गंाव में आश्रम बनाया, बाबा गोपालपुरी द्वारा सन् 1992 पोष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को समाधी में लीन होने के बाद ग्रामीणों ने बाबा की मन्दिर में समाधी बना दी व हर वर्ष बाबा के निर्वाण दिवस पर जागरण व भंडारा आयोजित किया जाने लगा । तथा हर मंगलवार को भी गांव के लोग पूरी आस्था के साथ यहां पूजा अर्चना करते हैं। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से धोक लगाने से मनोकामना पूरी होती है। ग्रामीणों ने बताया की सिद्ध बाबा गोपालपुरी ने निकटवर्ती गाँव जोडकियां में भी 12 वर्ष तक तपस्या की थी, यहां पर बाबा गोपाल पूरी का धूणा है, जहां पर अखंड ज्योत जलती रहती है।