स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2025 के लिए स्कूल और कॉलेज में दिये जाने वाले 3 शानदार भाषण speach
स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2025 के लिए स्कूल और कॉलेज में दिये जाने वाले 3 शानदार भाषण speach
माननीय प्रधानाचार्य महोदय, सम्मानित शिक्षकगण, मेरे प्रिय साथियों और यहां उपस्थित सभी महानुभावों…
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आज का दिन हम सभी के लिए सिर्फ एक तारीख नहीं,
बल्कि एक भावना है…
एक ऐसी भावना जो हमें याद दिलाती है
कि आज़ादी हमें यूं ही नहीं मिली।
15 अगस्त 1947 —वो ऐतिहासिक दिन, जब हमारे देश ने अंग्रेज़ी हुकूमत की जंजीरों को तोड़कर
अपना तिरंगा गर्व से लहराया था।
इस आज़ादी के पीछे —अनगिनत क्रांतिकारियों की कुर्बानियाँ,
सैनिकों का साहस और लाखों देशवासियों का संघर्ष छिपा है।
भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, रानी लक्ष्मीबाई, नेताजी सुभाष चंद्र बोस,
महात्मा गांधी, सरदार पटेल…
और अनगिनत वीरों की वीरगाथाएँ
आज भी हमें प्रेरित करती हैं।
दोस्तों, आज़ादी का मतलब सिर्फ आज़ाद हवा में सांस लेना नहीं,
बल्कि एक जिम्मेदारी है —
अपने देश को बेहतर बनाने की,
गरीबी, अशिक्षा और भ्रष्टाचार जैसी चुनौतियों से लड़ने की।
आज भारत —
दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है,
हम चंद्रयान और मंगलयान जैसे मिशनों से अंतरिक्ष में अपनी पहचान बना चुके हैं,
हमारी सेना विश्व की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में गिनी जाती है।
लेकिन हमें अभी बहुत कुछ करना है —
हर गांव में शिक्षा, हर खेत में पानी,
और हर नागरिक तक न्याय पहुँचाना।
तो आइए…
इस 15 अगस्त पर हम सभी संकल्प लें —
कि अपने कर्तव्यों को निभाएंगे,
स्वदेशी को अपनाएंगे,
और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अपना योगदान देंगे।
आइए, हम सब मिलकर कहें —
भारत माता की जय!
वंदे मातरम्!
यह रहा 15 अगस्त के लिए एक 700 शब्दों का शानदार भाषण जो स्कूल, कॉलेज या मंच कार्यक्रम में सुनाने के लिए तैयार है, और यह देशभक्ति, प्रेरणा और इतिहास के मेल से बना है।
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण
माननीय प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण, और मेरे प्यारे साथियों,
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आज हम सब यहाँ आज़ादी के इस पावन पर्व को मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। यह दिन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि हमारे त्याग, बलिदान और संकल्प की याद दिलाने वाला दिन है।
15 अगस्त 1947 — यह तारीख हमारे इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में सदा के लिए अंकित हो चुकी है। इस दिन भारत ने लगभग दो सौ वर्षों की गुलामी से मुक्ति पाई। हमारे पूर्वजों, क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आज का स्वतंत्र भारत दिया।
इतिहास की गाथा
हमारे स्वतंत्रता संग्राम की कहानी साहस और बलिदान से भरी है। महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के मार्ग, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के साहस, सुभाष चंद्र बोस की "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा" जैसी पुकार, और सरदार वल्लभभाई पटेल की एकता की भावना — ये सभी हमें याद दिलाते हैं कि आज़ादी कितनी कठिनाई से मिली है।
स्वतंत्रता का महत्व
आज हम खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं, अपनी बात कह सकते हैं, अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं — यह सब हमारे पूर्वजों के बलिदान का परिणाम है।
लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि स्वतंत्रता केवल अधिकार नहीं, बल्कि जिम्मेदारी भी है।
आज का भारत
आज भारत तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है। हम विज्ञान, तकनीक, खेल, और शिक्षा के क्षेत्र में विश्व में अपना नाम रोशन कर रहे हैं।
चंद्रयान-3 की सफलता, गगनयान मिशन, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप संस्कृति — यह सब हमारे युवाओं की ऊर्जा और संकल्प का प्रमाण है।
लेकिन साथ ही हमें गरीबी, अशिक्षा, और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर भी काम करना होगा।
हमारी जिम्मेदारी
स्वतंत्रता दिवस केवल तिरंगा फहराने और मिठाई बाँटने का दिन नहीं, बल्कि अपने आप से यह वादा करने का दिन है कि हम देश को और बेहतर बनाएंगे।
हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि—
शिक्षा हर बच्चे तक पहुँचे
महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिले
पर्यावरण की रक्षा हो
कानून और व्यवस्था मजबूत बने
युवा पीढ़ी की भूमिका
हम भारत के युवा हैं, और हमारा कर्तव्य है कि हम देश के विकास में योगदान दें। चाहे वह पढ़ाई में उत्कृष्टता लाना हो, खेलों में मेडल जीतना हो, या समाज में सकारात्मक बदलाव लाना — हर कदम मायने रखता है।
जैसा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था —
"उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।"
समापन
आइए, इस स्वतंत्रता दिवस पर हम यह संकल्प लें कि—
हम देश के संविधान का सम्मान करेंगे
ईमानदारी और मेहनत से अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे
और भारत को विकसित, शक्तिशाली और समृद्ध राष्ट्र बनाने में अपना योगदान देंगे।
आइए, मिलकर नारे लगाएँ —
वंदे मातरम्! भारत माता की जय!
15 अगस्त भाषण (धीरे और स्पष्ट आवाज़ में शुरुआत करें)
"मेरे प्यारे देशवासियों...
आज का यह दिन… हम सभी भारतीयों के लिए… गर्व… सम्मान… और त्याग की यादों से भरा हुआ है।
15 अगस्त… केवल एक तारीख नहीं… बल्कि वो दिन है… जब सदियों की गुलामी की जंजीरों को तोड़कर… भारत ने आज़ादी की हवा में… अपनी पहली सांस ली थी।
(थोड़ा रुकें – दर्शकों की तरफ देखें)
आज हम… स्वतंत्रता दिवस की 78वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
ये दिन हमें… उन वीर शहीदों की याद दिलाता है… जिन्होंने अपना सर्वस्व… भारत माता के चरणों में न्यौछावर कर दिया।
भगत सिंह… चंद्रशेखर आज़ाद… नेताजी सुभाषचंद्र बोस… महात्मा गांधी… और न जाने कितने ही अमर बलिदानी…
जिन्होंने ये सपना देखा… कि आने वाली पीढ़ियाँ… खुले आसमान के नीचे… सम्मान के साथ जी सकें।
(गर्व से आवाज ऊँची करें)
साथियों…
आज का भारत… उस सपने को साकार करता हुआ… आगे बढ़ रहा है।
हमारे किसान… खेतों में सोना उगा रहे हैं… हमारे जवान… सरहदों पर सीना ताने खड़े हैं…
हमारे वैज्ञानिक… अंतरिक्ष में नए कीर्तिमान बना रहे हैं… और हमारी बेटियाँ… हर क्षेत्र में… भारत का नाम रोशन कर रही हैं।
(प्रेरणादायक लहजा)
लेकिन… स्वतंत्रता का मतलब केवल आज़ादी पाना नहीं… बल्कि उसे बनाए रखना भी है।
हमारे संविधान ने हमें… अधिकार दिए हैं… पर साथ ही कर्तव्य भी।
और आज का ये दिन… हमें याद दिलाता है… कि राष्ट्र की प्रगति… हम सबकी ज़िम्मेदारी है।
(थोड़ा भावुक स्वर)
सोचिए… अगर हमारे पूर्वज… गुलामी के समय… हार मान लेते… तो क्या हम आज़ाद होते?
नहीं…
उन्होंने कठिनाइयों का सामना किया… अपने प्राण न्यौछावर किए…
तभी हम ये आज़ादी की सुबह देख पा रहे हैं।
तो… क्या आज हम… अपने देश के लिए… कुछ करने को तैयार हैं?
(2 सेकंड रुकें – दर्शकों की प्रतिक्रिया महसूस करें)
हमें भ्रष्टाचार को… भेदभाव को… और हर उस बुराई को खत्म करना होगा… जो हमारे राष्ट्र को कमजोर करती है।
(आशावादी लहजा)
आज का भारत… एक नए युग में प्रवेश कर चुका है।
डिजिटल इंडिया… आत्मनिर्भर भारत… मेक इन इंडिया… और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में… हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
ये प्रगति तभी संभव है… जब हर नागरिक… अपना योगदान दे।
आप किसान हों… छात्र हों… शिक्षक हों… व्यापारी हों… या सैनिक…
अगर आप अपना काम ईमानदारी से करते हैं… तो आप भी राष्ट्र-निर्माण के सैनिक हैं।
(गर्व भरी आवाज)
इस स्वतंत्रता दिवस पर… हम सब मिलकर संकल्प लें…
कि हम अपने देश को… स्वच्छ… सुरक्षित… और समृद्ध बनाएंगे।
हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को… ऐसा भारत देंगे… जिस पर उन्हें गर्व हो।
(धीरे-धीरे समापन की ओर जाएँ)
अंत में… मैं उन सभी शहीदों… वीर जवानों… और देशभक्तों को नमन करता हूँ…
जिनकी कुर्बानियों से… यह स्वतंत्रता हमें मिली है।
आइए… इस आज़ादी को और मजबूत बनाएं…
और एक स्वर में कहें…
भारत माता की जय!
वंदे मातरम्!