Sociology of religion: राजस्थान के बालाजी मंदिर के विषय में चर्चा करें।
Sociology of religion : राजस्थान में स्थित बालाजी (हनुमान का प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर) के मंदिर की मान्यता इस प्रकार है कि यहाँ प्रेतबाधा, भूत, मिर्गी, पागलपन, बाँझपन आदि दूर हो जाता है। कथा के अनुसार इसी स्थान पर बालक हनुमान अपनी माता अंजनि की गोद में बैठते थे, अतः यहाँ मातृत्व छवि मिलती है।
बालाजी के मंदिर में हनुमान के अलावा प्रेतराज और भैरों बाबा भी रहते हैं जो अत्यंत शक्तिशाली हैं। कथा के अनुसार बालाजी के अतिरिक्त ये देवता भी भूत-प्रेत पर नियंत्रण रखते है तथा इस बाधा से छुटकारा दिलाते हैं।
Sociology of religion: लेखक ने देखा कि यहाँ आने वालों की संख्या में महिलाएँ अधिक होती हैं तथा वे ग्रामीण महिलाएँ उन्माद में अनाप-शनाप बकती रहती हैं। लेखक के अनुसार उनके अंदर दबी हुई इवाएँ होती हैं जो यहाँ प्रकट हो जाती है।
Sociology of religion: गाँव में कुछ उदाहरण देखने को मिलते हैं जहाँ महिलाओं को प्रेम और कर्तव्य के बीच पिसना पड़ता है। ऐसी स्थिति में उनमें उन्माद का संचार होता है और वे असामान्य व्यवहार करने लगती है। अतः फ्रायड का मनो मनोविश्लेषणवाद यहाँ देखने को मिलता है।
Sociology of religion: चूंकि भारत में पिशाच, भूत, देवता आदि की अवधारणा के बीच इसे किसी भूत का प्रकोप मान लिया जाता है, अतः इसके इलाज के लिए जब पवित्र स्थान पर पूरे समूह के साथ
उपचार किया जाता है तो मरीज की अपेक्षाएँ उच्च हो जाती है और सार्वजनिक मान्य ढंग से मरीज को शांति मिलती है और वह ठीक हो जाता है।
पुरुष मरीज के अंदर उत्तरदायित्व लेने तथा अकेलेपन के कारण इस प्रकार की विकृति दिखाई पड़ती है। अतः कक्कड़ कहते हैं, 'जहाँ शक्तिहीनता स्त्री उन्माद का सामाजिक सूचक है-स्वतंत्र रूप से कार्य करने पर बल तथा वैयक्तिकता की संभावना की चिंता पुरुष के उन्माद का सामाजिक सूचक लगता है।