Sociology of religion:  सामाजिक शोध से आपका क्या अभिप्राय है?

किसी वस्तु को निश्चित करने के क्रम में परिश्रमपूर्ण खोज है. 
 
पॉल डी लीडी और जे ई ओर्मरॉड ने शोध क्या है? इसे परिभाषित किया है।

Sociology of religion:  अनुसंधान या शोध एक ऐसी गतिविधि है जिसमें नवीन ज्ञान की खोज एवं जलब्य ज्ञान को सत्यापित करने का प्रयास किया जाता है। यह एक उच्च बौद्धिक क्रियाकलाप जिसमे अनुसंधानकर्ता या शोधकर्ता उपलब्ध ज्ञान के सहारे नवीन तथ्यों और सूचनाओं खोज करता है। विभिन्न विद्वानों ने अनुसंधान को परिभाषित किया है, जिसका विवरण इस प्रकार है

(1) वैबस्टर्स न्यू इंटरनेशनल डिक्शनरी 'अनुसंधान सिद्धांतों के लिए तथ्यों की आज में एक सतर्कतापूर्ण, आलोचनात्मक खोज या परीक्षण है अथवा किसी वस्तु को निश्चित करने के क्रम में परिश्रमपूर्ण खोज है।

(2) पॉल डी लीडी और जे ई ओर्मरॉड ने शोध क्या है? इसे परिभाषित किया है।

तथ्यों के बारे में अपनी समझ को बढ़ाने के अनुक्रम में सूचना (आँकड़े) के संग्रहण, विश्लेषण और व्याख्या करने की व्यवस्थित प्रक्रिया शोध है।

(3) पी एम. कुक ने "Research" शब्द के प्रारभिक अक्षरों को लेकर कुछ विशेषताएँ प्रदान की है, जो इस प्रकार है।

R- चिंतन का तर्कयुक्त रास्ता (Rational way of thinking)

E- विशेषज्ञ और सांगोपांग प्रतिपादन (Expert and Exhaustive Treatment)

S- समाधान हेतु खोज (Search for Solution)

E - यथार्थता (Exactness)

a- विश्लेषण (Analysis)

R - तथ्यों में संबंध (Relationship of facts)

C- आलोचनात्मक अवलोकन, सतर्क अभिलेखन, रचनात्मक सोच, घनीभूत सामान्यीकरण Critical observation, careful recording, constructive attitude and condensed eneralizations)

H- ईमानदारी और कठिन परिश्रम (Honesty and Hardworking)

क्या आपके शोध का विषय वास्तव में आपको रुचिकर लगता है?

क्या आपके विषय पर वैज्ञानिक रूप से शोध करवाना संभव है?