नहर विवाद पर दिल्ली में आज फिर बैठक, CM मान और CM सैनी शामिल, फैसले की उम्मीद बढ़ी

पिछली बैठकों की तरह इस बार भी बैठक का माहौल सकारात्मक रहा।
 
SYL नहर की कुल लंबाई 212 किलोमीटर है।


सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर विवाद को सुलझाने की दिशा में एक और अहम कदम आज दिल्ली में उठाया गया। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अगुवाई में पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों की बैठक आयोजित हुई। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब 13 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई होनी है।

पिछली बैठकों की तरह इस बार भी बैठक का माहौल सकारात्मक रहा। पंजाब CM भगवंत मानऔर हरियाणा CM नायब सिंह सैनीने बैठक से पहले एक-दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत किया और गले मिलकर भाईचारे का संदेश दिया।

CM भगवंत मान की शर्त और पंजाब का रुख

बैठक में पंजाब की ओर से रावी और चिनाब नदी के पानी को पंजाब लाने की शर्त दोहराई गई। CM मान ने कहा कि अगर हमें इंडस वाटर संधि के तहत रावी और चिनाब का पानी मिल जाए, तो हरियाणा को पानी देने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

मान ने कहा –

हरियाणा हमारा भाई है। हम तो भाई घन्नैया के वारिस हैं, जिन्होंने दुश्मनों को भी पानी पिलाया था। जब हमारे पास 23 MAF पानी होगा, तो 2-3 MAF देने में हमें क्या आपत्ति हो सकती है?"

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चिनाब और रावी का पानी पंजाब लाकर पौंग, रंजीत सागर और भाखड़ा डैम के जरिए आगे हरियाणा तक पहुंचाया जा सकता है।


हरियाणा की उम्मीदें और रुख

हरियाणा के CM नायब सैनी ने बैठक को "सार्थक" बताया और कहा कि इस मुद्दे पर समाधान की दिशा में बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब-हरियाणा एक ही आंगन के भाई हैं, और भाईचारे के माहौल में ही समाधान निकल सकता है।

हरियाणा की ओर से SYL नहर के अधूरे हिस्से को पूरा करने की मांग दोहराई गई ताकि राज्य को उसका न्यायोचित हिस्सा मिल सके।

212 किलोमीटर लंबी SYL नहर का अधूरा निर्माण

SYL नहर की कुल लंबाई 212 किलोमीटर है। इसमें से हरियाणा की सीमा में आने वाला 92 किलोमीटर हिस्सा पहले ही बन चुका है। लेकिन पंजाब में 122 किलोमीटर का हिस्सा अब भी अधूरा है।

सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2002 में हरियाणा के पक्ष में निर्णय दिया था और पंजाब को नहर निर्माण का निर्देश दिया था। लेकिन 2004 में पंजाब विधानसभा ने 1981 के समझौते को रद्द करने वाला कानून पास कर दिया, जिससे मामला और उलझ गया।

पहले भी हो चुकी हैं तीन अहम बैठकें

अब तक SYL को लेकर तीन बड़ी बैठकें हो चुकी हैं:

18 अगस्त 2020


14 अक्टूबर 2022


4 जनवरी 2023

इनमें कोई ठोस सहमति नहीं बन पाई थी। आज की बैठक को चौथी अहम कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

13 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

इस अहम बैठक के तुरंत बाद, 13 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में SYL नहर मामले की सुनवाई प्रस्तावित है। उम्मीद जताई जा रही है कि आज की बैठक का सकारात्मक असर कोर्ट की कार्यवाही पर भी पड़ेगा।

 समाधान की उम्मीद

हालांकि SYL नहर विवाद अब भी पूरी तरह सुलझा नहीं है, लेकिन आज की बैठक ने इस ओर उम्मीद की एक नई किरण जरूर दिखाई है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच संवाद और सहयोग की भावना आने वाले समय में इस पुराने विवाद को हल करने में निर्णायक साबित हो सकती है।