उत्तर भारत का सबसे बड़ा गोगामेड़ी मेला 2025 सम्पन्न: 20 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई धोक, 8 करोड़ 87 लाख रुपए आय

 

गोगामेड़ी मेला 2025 का भव्य समापन

चोपटा। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित राजकीय आत्मनिर्भर मंदिर श्री गोगाजी, गोगामेड़ी में आयोजित वार्षिक मेला 2025 का रविवार को भाद्रपद पूर्णिमा के अवसर पर विधिवत समापन हुआ।

यह मेला उत्तर भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु देशभर से आकर वीर जाहरवीर गोगाजी महाराज को धोक लगाते हैं।

इस वर्ष भी गोगामेड़ी मेले में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी। अनुमान के अनुसार लगभग 20 लाख श्रद्धालुओं ने धोक लगाई। खास बात यह रही कि आय के मामले में इस बार मेला एक नया रिकॉर्ड स्थापित करने में सफल रहा।गोगामेड़ी मेला 2025

गोगामेड़ी मेला 2025  रिकॉर्ड आय दर्ज, 8.87 करोड़ तक पहुँची राशि

देवस्थान विभाग और जिला प्रशासन के अनुसार इस बार मेला से कुल 8.87 करोड़ की आय* दर्ज की गई।

 दानपात्र और रसीदों से 3,09,50,596 रुपए  की आय (7 सितंबर तक की गणना अनुसार)

 अभी भी लगभग 20 से 25 लाख की राशि की गणना शेष

 अस्थायी भूखंडों और अन्य स्रोतों से आय को जोड़कर कुल आय 8.87 करोड़

 पिछले वर्ष यह आय 7.71 करोड़ थी, जो इस बार काफी अधिक रही

यह आंकड़े दर्शाते हैं कि गोगामेड़ी मेला आस्था के साथ-साथ आर्थिक दृष्टि से भी एक बड़ी भूमिका निभा रहा है।

 भादरा विधायक ने सराहा प्रबंध

समापन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भादरा विधायक संजीव बेनीवाल ने मेला प्रशासन की सराहना की। उन्होंने कहा

 “देवस्थान विभाग द्वारा इस बार पहली बार लगाए गए रैन बसेरे की व्यवस्था बेहतरीन रही। पुलिस प्रशासन, सामाजिक संगठनों और सभी धर्मशालाओं ने मिलकर इस आयोजन को सफल बनाया।

विधायक ने अगले वर्ष के लिए और अधिक बजट लाने की भी घोषणा की।

 प्रशासनिक और धार्मिक हस्तियों की उपस्थिति

गोगामेड़ी मेले के समापन समारोह में कई प्रशासनिक व धार्मिक हस्तियों ने शिरकत की, जिनमें शामिल रहे:

 नोहर अतिरिक्त जिला कलेक्टर संजू पारीक

 नोहर उपखंड अधिकारी राहुल श्रीवास्तव

 भादरा एसडीएम कल्पित श्योराण

 गोरखटीला प्रन्यास के पीठाधीश्वर और ग्राम प्रशासक महंत रूपनाथ

 पूर्व सरपंच और मेला ठेकेदार मांगूसिंह गोगामेड़ी

इन सभी ने एक स्वर में कहा कि गोगामेड़ी मेला आस्था, श्रद्धा और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है।

 पंजाब की बाढ़ का असर, फिर भी भीड़ रही विशाल

इस बार पंजाब में आई बाढ़ के कारण मेले के दूसरे पखवाड़े में श्रद्धालुओं की संख्या कुछ कम रही। इसके बावजूद  करीब 20 लाख श्रद्धालु गोगामेड़ी पहुंचे और गोगाजी महाराज के दर्शन किए।

श्रद्धालुओं के लिए नई सुविधाएँ

देवस्थान विभाग और जिला प्रशासन ने इस बार यात्रियों की सुविधा के लिए कई नई व्यवस्थाएँ कीं, जिनका असर व्यापक रूप से दिखाई दिया।

 मंदिर परिसर में 850 फीट लंबी स्थायी स्टील बैरिकेडिंग बनाई गई।

  इससे धूप और बारिश से राहत मिली।

   चैन स्नैचिंग और पर्स चोरी की घटनाओं पर भी अंकुश लगा।

 समाधि के दर्शन हेतु 3 बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गईं।

 श्रद्धालुओं के ठहरने हेतु जर्मन हैगर युक्त रैन बसेरे तैयार किए गए।

   इनकी क्षमता प्रतिदिन 3 हजार यात्रियों की रही।

   48 शौचालय और 48 स्नानघर की व्यवस्था।

देवस्थान सहायक आयुक्त ओमप्रकाश ने बताया कि रैन बसेरों में विश्व मानव रूहानी केंद्र की ओर से निःशुल्क चिकित्सालय संचालित किया गया। यहाँ लगभग 20 हजार मरीजों का इलाज हुआ और दवाइयाँ वितरित की गईं।

 कोई गंभीर हादसा नहीं, बेहतर चिकित्सा प्रबंधन

गोगामेड़ी मेले की सबसे बड़ी सफलता यह रही कि इस बार एक भी गंभीर चिकित्सकीय हादसा दर्ज नहीं हुआ।

रैन बसेरों के सामने श्रद्धालुओं के लिए भंडारे भी लगाए गए, जिससे हर आगंतुक को भोजन की व्यवस्था उपलब्ध रही।

 डिजिटल सुविधा और हेल्पलाइन सेवा

जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव की पहल पर श्री गोगाजी मंदिर के लिए एक आधिकारिक वेबसाइट विकसित की गई।

 वेबसाइट से श्रद्धालुओं को लाइव दर्शन और मेला से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराई गई।

एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया।

 मेला परिचय पुस्तिका छपवाकर श्रद्धालुओं में वितरित की गई।

इन पहलुओं ने गोगामेड़ी मेले को तकनीकी दृष्टि से भी आधुनिक बना दिया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बाँधा समां

श्रद्धालुओं के मनोरंजन और धार्मिक वातावरण को और भव्य बनाने के लिए प्रतिदिन लेजर एंड साउंड शो का आयोजन किया गया।

अंतर्राष्ट्रीय कलाकार रामकुमार नाथ एंड पार्टी गोगामेड़ी ने शानदार प्रस्तुतियाँ दीं, जिनसे मेले का वातावरण और भी भव्य बना।

समापन अवसर पर मंच संचालन वरिष्ठ अध्यापक शिवराज सिंह गोगामेड़ी और रमेश पेशकार ने किया।

 आस्था का महासंगम

पूर्णिमा के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गोगाजी महाराज को धोक लगाई। अनुमान है कि आने वाले 10-15 दिनों तक भी श्रद्धालुओं का आगमन जारी रहेगा।

गोगामेड़ी मेला केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है, जो हर वर्ष उत्तर भारत के धार्मिक आयोजनों में अपनी खास जगह बनाए रखता है।

गोगामेड़ी मेला 2025 का समापन ऐतिहासिक रहा।

20 लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे।

8.87 करोड़ की रिकॉर्ड आय हुई।

 प्रशासनिक और धार्मिक संस्थाओं ने मिलकर उत्तम प्रबंध किए।

 किसी भी गंभीर दुर्घटना की सूचना नहीं।

 आधुनिक सुविधाएँ, चिकित्सकीय सेवा, वेबसाइट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मेले की भव्यता को और बढ़ाया।

गोगामेड़ी मेला यह संदेश देता है कि जब श्रद्धा, व्यवस्था और सामाजिक सहयोग एक साथ आते हैं, तो आयोजन केवल धार्मिक न होकर समाज के लिए प्रेरणा भी बन जाता है।