लेफ्टिनेंट बने अभिषेक मेहला का ग्रामीणों ने फूलमालाओं और ढोल-नगाड़ों से किया स्वागत
राजस्थान के भादरा तहसील के गांव सवाई छानी के होनहार सपूत अभिषेक पुत्र अनिल कुमार महला के भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद पर चयन होने के बाद जब वे पहली बार अपने पैतृक गांव पहुंचे, तो पूरे गांव में जश्न का माहौल देखने को मिला। छानी बड़ी के मुख्य बस स्टैंड से लेकर गांव गढ़ी छानी के मुख्य मार्ग और उनके घर तक ग्रामीणों ने फूलों, नारों और ढोल-नगाड़ों के साथ अभिषेक का भावनात्मक स्वागत किया। गांव में प्रवेश करते ही भारत माता की जय, अभिषेक महला जिंदाबाद और सेना के शेर को सलाम जैसे नारों से वातावरण देशभक्ति से सराबोर हो गया।
ग्रामीणों ने अभिषेक को कंधों पर उठाकर सम्मानित किया और मिठाइयां बांटकर खुशी साझा की। इस गौरवपूर्ण अवसर पर ग्राम प्रशासक लालचंद शर्मा, पूर्व सरपंच नथुराम मान, पूर्व सरपंच राकेश भड़िया, पूर्व सरपंच दलीप सिंह डाबला, ग्राम प्रशासक राधेश्याम निनान सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। इसके अलावा फौजी रीछपाल सिंह गोदारा (बरवाली), नायब सूबेदार सोमपाल देहडू (बरवाली), रणधीर सिंह महला, पवन वर्मा सहित कई पूर्व व वर्तमान सैनिकों ने भी अभिषेक को शुभकामनाएं दीं। ग्रामवासियों ने कहा कि अभिषेक की यह सफलता पूरे क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा है और इससे गांव का नाम रोशन हुआ है।
साधारण परिवार से असाधारण सफलता तक का सफर
अभिषेक के पिता अनिल कुमार महला ने बताया कि अभिषेक शुरू से ही पढ़ाई में मेहनती और अनुशासित रहा है। उसकी प्रारंभिक शिक्षा गांव की छानी बड़ी स्थित ब्राइट चिल्ड्रन स्कूल से हुई। इसके बाद कक्षा 6 से 12 तक उसने सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ से शिक्षा प्राप्त की। सैनिक स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही अभिषेक के मन में देशसेवा का सपना और मजबूत हुआ। कठिन अनुशासन, नियमित अभ्यास और आत्मविश्वास के बल पर उसने एनडीए परीक्षा की तैयारी की।
एनडीए में 71वीं रैंक हासिल कर किया चयन
साल 2021 में अभिषेक ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) परीक्षा में 71वीं रैंक हासिल कर पूरे परिवार और गांव को गौरवान्वित किया। इसके बाद उसका चयन भारतीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला (पुणे) में हुआ, जहां उसने कठिन सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया। एनडीए के बाद अभिषेक ने भारतीय सैन्य अकादमी (एनडीए), देहरादून से प्रशिक्षण लिया। वहां उसने शारीरिक, मानसिक और नेतृत्व क्षमता में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
दिसंबर में मिला लेफ्टिनेंट पद का कमीशन
कठोर प्रशिक्षण और अनुशासन के बाद हाल ही में दिसंबर माह में अभिषेक को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद पर कमीशन प्राप्त हुआ। यह पल उसके माता-पिता, गुरुजनों और पूरे गांव के लिए गर्व का क्षण रहा। गांव पहुंचने पर अभिषेक को पारंपरिक साफा पहनाकर सम्मानित किया गया और बुजुर्गों ने आशीर्वाद दिया। इस मौके पर अभिषेक ने कहा कि उसकी इस सफलता के पीछे उसके माता-पिता का त्याग, गुरुजनों का मार्गदर्शन और स्वयं की निरंतर मेहनत रही है। उन्होंने कहा कि गांव की मिट्टी और सैनिक स्कूल का अनुशासन ही उनकी सबसे बड़ी ताकत बना। अभिषेक ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत ईमानदारी से की जाए, तो किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है।
परिवार का संक्षिप्त परिचय
अभिषेक अभी अविवाहित हैं। अभिषेक के पिता अनिल कुमार श्क्षिा विभाग में यूडीसी हैं तथा माता राजबाला हाऊस वाईफ हैं। एक छोटी बहन है जो अभी पढ़ाई कर रही हैं। पूरा परिवार अभिषेक की उपलब्धि से अत्यंत गौरवान्वित है। लेफ्टिनेंट के दादा अमीचन्द महला ने बताया कि युवाओं के लिए प्रेरणा बना अभिषेक का संघर्ष, गांव सवाई छानी और आसपास के क्षेत्रों के युवाओं के लिए अभिषेक की कहानी प्रेरणा बनकर सामने आई है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे सपूतों की वजह से गांवों में देशभक्ति और अनुशासन की भावना मजबूत होती है। कार्यक्रम के अंत में सभी ग्रामीणों ने अभिषेक के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और राष्ट्र सेवा में उनके सफल और सुरक्षित जीवन की प्रार्थना की।