100 में से सिर्फ 4 लड़कियां ही संस्कारी?” प्रेमानंद महाराज के बयान से मचा बवाल

वृंदावन के मशहूर संत प्रेमानंद महाराज एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। उनका एक controversial video सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने यह कहकर हलचल मचा दी कि “100 में से सिर्फ 4 लड़कियां ही संस्कारी होती हैं।” इस बयान के बाद देशभर में बहस शुरू हो गई है। कोई इसे समाज की सच्चाई बता रहा है, तो कोई इसे महिलाओं का अपमान करार दे रहा है।
महंत राजू दास ने समर्थन में दिया बयान
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने प्रेमानंद महाराज का समर्थन करते हुए कहा कि संत समाज हमेशा समाज को दिशा देने का कार्य करता है। उन्होंने कहा,
“प्रेमानंद महाराज ने समाज को आइना दिखाने की कोशिश की है। आज के दौर में अश्लीलता और अर्धनग्नता बढ़ती जा रही है। यह चिंता का विषय है।”
राजू दास ने आगे कहा कि “मातृशक्ति पूजनीय है, लेकिन मौजूदा सामाजिक व्यवहार चिंताजनक है। लोग अर्धनग्न घूम रहे हैं, जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ है।”
शशिकांत दास ने दी चेतावनी: “बयान से तनाव न बढ़े”
सरयू आरती स्थल के अध्यक्ष शशिकांत दास ने प्रेमानंद महाराज के बयान पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि,
“प्रेमानंद महाराज एक प्रतिष्ठित संत हैं। उनके करोड़ों अनुयायी हैं। ऐसे में उनके बयान का समाज पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। उन्हें ऐसा कुछ नहीं कहना चाहिए जिससे social tension पैदा हो।”
शशिकांत दास ने कहा कि ऐसे वक्तव्य संत समाज की गरिमा को ठेस पहुंचा सकते हैं और समाज में polarization बढ़ा सकते हैं।
विवाद ने पकड़ा तूल, दो खेमों में बंटा संत समाज
प्रेमानंद महाराज के इस बयान से संत समाज में भी दो खेमे बन गए हैं। कुछ संत उनके बयान को moral awakening बता रहे हैं, तो कुछ इसे gender biased statement करार दे रहे हैं।
Social media platforms पर भी यह वीडियो व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है। कई लोग इसे freedom of expression के तहत सही ठहरा रहे हैं, जबकि महिला संगठनों ने इसे महिला विरोधी मानसिकता की मिसाल बताया है।
समाज में जागरूकता या विवाद?
प्रेमानंद महाराज के बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं—
- क्या यह बयान युवाओं को मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से दिया गया था?
- या यह एक अनावश्यक controversy को जन्म देने वाला वक्तव्य है?
- क्या ऐसे बयानों से समाज का भला होता है या और अधिक division फैलता है?
फिलहाल यह मुद्दा ना सिर्फ सोशल मीडिया, बल्कि समाचार चैनलों, धार्मिक सभाओं और आम जनमानस के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
(अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा है जो विवाद का कारण बना?
Ans: उन्होंने एक वीडियो में कहा कि “100 में से सिर्फ 4 लड़कियां ही संस्कारी होती हैं”, जिससे सामाजिक और धार्मिक विवाद खड़ा हो गया।
Q2. किसने समर्थन और किसने विरोध किया?
Ans: महंत राजू दास ने समर्थन किया जबकि सरयू आरती स्थल के शशिकांत दास ने बयान को अनुचित बताया।
Q3. क्या यह मामला राजनीतिक रंग भी ले सकता है?
Ans: हां, क्योंकि इसमें एक मौलवी की टिप्पणी और राजनीतिक हस्तियों के उदाहरण भी शामिल हैं, जिससे राजनीतिक बहस भी तेज हो सकती है।
Q4. वीडियो किस प्लेटफॉर्म पर वायरल हुआ?
Ans: वीडियो Facebook, X (Twitter), Instagram और YouTube जैसे प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है।